तेलंगाना के डुब्बा टांडा गांव में बना सोनू सूद का मंदिर, गांव वाले बोले- वे हमारे लिए भगवान हैं

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच किए गए नेक कामों के चलते सोनू सूद की छवि मसीहा की बन चुकी है। तेलंगाना राज्य के गांव डुब्बा टांडा के लोगों ने 47 साल के सोनू के नाम पर एक मंदिर बनवाकर उन्हें सम्मानित किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो गांव वालों ने इस मंदिर का निर्माण सिद्दीपेट जिला अधिकारियों की मदद से करवाया है। रविवार को हुआ लोकार्पण मंदिर का लोकार्पण रविवार को मूर्तिकार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान एक आरती भी की गई। पारंपरिक पोशाक पहने स्थानीय महिलाओं ने लोकगीत गाए। जिला परिषद के सदस्य गिरी कोंडेल ने अपने एक बयान में कहा कि सोनू कोरोना महामारी के बीच जनता के लिए अच्छे काम कर रहे हैं। 'सोनू हमारे लिए भगवान' मंदिर की योजना बनाने वाले संगठन में शामिल रमेश कुमार ने इस दौरान बताया, "सोनू ने अच्छे कामों के चलते भगवान का ओहदा पा लिया है। इसलिए हमने उनके लिए मंदिर बनवाया। वे हमारे लिए भगवान हैं।" रमेश कुमार ने आगे कहा कि सोनू ने देश के सभी 28 राज्यों के लोगों की मदद की है और उनके इंसानियत भरे कामों के लिए उन्हें अवॉर्ड्स भी मिले हैं। वे कहते हैं, "सोनू ने लॉकडाउन के दौरान जिस तरह लोगों की मदद की है, उसके चलते उन्हें न केवल देश, बल्कि दुनियाभर में सम्मान मिला है। उन्हें यूनाइटेड नेशन की ओर से एसडीजी स्पेशल ह्युमेनीटेरियन एक्शन अवॉर्ड मिला। इसलिए अपने गांव की ओर से हमने उनका मंदिर बनवाने का फैसला लिया। भगवान की तरह, सोनू सूद के लिए भी प्रार्थना की जाएगी।" चिरंजीवी सीन के लिए पीटने से कर चुके इनकार हाल ही में सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी नई छवि के चलते सुपरस्टार चिरंजीवी ने फिल्म 'आचार्य' के एक एक्शन सीन में उन्हें पीटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, "हम एक एक्शन सीक्वेंस शूट कर रहे थे। इस दौरान चिरंजीवी सर ने कहा- फिल्म में तुम्हारा होना हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि मैं एक्शन सीन में तुम्हे पीट नहीं सकता। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो लोग उन्हें गालियां देंगे।" (पढ़ें पूरी खबर) प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया था घर लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को देश के दूर-दराज इलाकों में स्थित उनके घर तक पहुंचाने में मदद की थी। उन्होंने और उनकी टीम ने मजदूरों के लिए टोल फ्री नंबर और वॉट्सऐप नंबर जारी किए थे। सोनू ने मजदूरों के लिए बस, ट्रेन और चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम भी कराया था। साथ ही फंसे हुए लोगों के खाने-पीने का इंतजाम भी किया था। बाद में उन्होंने रोजगार मुहैया कराने वाले लोगों और संस्थाओं के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों के लिए नौकरी पोर्टल भी लॉन्च किया। उनका अगला लक्ष्य बुजुर्गों के घुटनों के ट्रांसप्लांट का है, जिसे वे 2021 में हासिल करना चाहते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तेलंगाना के गांव डुब्बा टांडा में रविवार को सोनू सूद के मंदिर का लोकार्पण किया गया।

तेलंगाना के डुब्बा टांडा गांव में बना सोनू सूद का मंदिर, गांव वाले बोले- वे हमारे लिए भगवान हैं
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच किए गए नेक कामों के चलते सोनू सूद की छवि मसीहा की बन चुकी है। तेलंगाना राज्य के गांव डुब्बा टांडा के लोगों ने 47 साल के सोनू के नाम पर एक मंदिर बनवाकर उन्हें सम्मानित किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो गांव वालों ने इस मंदिर का निर्माण सिद्दीपेट जिला अधिकारियों की मदद से करवाया है। रविवार को हुआ लोकार्पण मंदिर का लोकार्पण रविवार को मूर्तिकार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान एक आरती भी की गई। पारंपरिक पोशाक पहने स्थानीय महिलाओं ने लोकगीत गाए। जिला परिषद के सदस्य गिरी कोंडेल ने अपने एक बयान में कहा कि सोनू कोरोना महामारी के बीच जनता के लिए अच्छे काम कर रहे हैं। 'सोनू हमारे लिए भगवान' मंदिर की योजना बनाने वाले संगठन में शामिल रमेश कुमार ने इस दौरान बताया, "सोनू ने अच्छे कामों के चलते भगवान का ओहदा पा लिया है। इसलिए हमने उनके लिए मंदिर बनवाया। वे हमारे लिए भगवान हैं।" रमेश कुमार ने आगे कहा कि सोनू ने देश के सभी 28 राज्यों के लोगों की मदद की है और उनके इंसानियत भरे कामों के लिए उन्हें अवॉर्ड्स भी मिले हैं। वे कहते हैं, "सोनू ने लॉकडाउन के दौरान जिस तरह लोगों की मदद की है, उसके चलते उन्हें न केवल देश, बल्कि दुनियाभर में सम्मान मिला है। उन्हें यूनाइटेड नेशन की ओर से एसडीजी स्पेशल ह्युमेनीटेरियन एक्शन अवॉर्ड मिला। इसलिए अपने गांव की ओर से हमने उनका मंदिर बनवाने का फैसला लिया। भगवान की तरह, सोनू सूद के लिए भी प्रार्थना की जाएगी।" चिरंजीवी सीन के लिए पीटने से कर चुके इनकार हाल ही में सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी नई छवि के चलते सुपरस्टार चिरंजीवी ने फिल्म 'आचार्य' के एक एक्शन सीन में उन्हें पीटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, "हम एक एक्शन सीक्वेंस शूट कर रहे थे। इस दौरान चिरंजीवी सर ने कहा- फिल्म में तुम्हारा होना हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि मैं एक्शन सीन में तुम्हे पीट नहीं सकता। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो लोग उन्हें गालियां देंगे।" (पढ़ें पूरी खबर) प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया था घर लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को देश के दूर-दराज इलाकों में स्थित उनके घर तक पहुंचाने में मदद की थी। उन्होंने और उनकी टीम ने मजदूरों के लिए टोल फ्री नंबर और वॉट्सऐप नंबर जारी किए थे। सोनू ने मजदूरों के लिए बस, ट्रेन और चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम भी कराया था। साथ ही फंसे हुए लोगों के खाने-पीने का इंतजाम भी किया था। बाद में उन्होंने रोजगार मुहैया कराने वाले लोगों और संस्थाओं के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों के लिए नौकरी पोर्टल भी लॉन्च किया। उनका अगला लक्ष्य बुजुर्गों के घुटनों के ट्रांसप्लांट का है, जिसे वे 2021 में हासिल करना चाहते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today तेलंगाना के गांव डुब्बा टांडा में रविवार को सोनू सूद के मंदिर का लोकार्पण किया गया।