बोले- पासिंग आउट परेड के बाद आर्मी चीफ का संबोधन और बारिश दोनों एक साथ शुरू हुए, हमने भीगते हुए जोश से भरा उनका भाषण सुना

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होकर 333 युवा अफसर भारतीय थल सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार सुबह 6.30 बजे आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें 423 अफसरों ने हिस्सा लिया। इनमें से 90 जेंटलमैन कैडेट्स 9 अलग-अलग देशों के हैं। भोपाल के अनुज दुबे भी पासिंग आउट परेड में शामिल होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने। दैनिक भास्कर से बातचीत में अनुज ने कहा, इस परेड का एक्साइटमेंट ऐसा था कि रात भर सो नहीं सका। किसी तरह से नींद आई और तड़के 3.30 बजे जाग गया। इसके बाद 5 बजे मैं ग्राउंड पहुंच चुका था। तब तक वहां कुछ कैडेट्स ही पहुंचे थे।" भोपाल के लेफ्टिनेंट अनुज दुबे पासिंग आउट परेड के बाद सेना के अफसर के साथ।लगा जैसे भगवान आशीर्वाद दे रहे हैंअनुज ने बताया कि पासिंग आउट परेड के पल बेहद खास थे। उन्होंने बताया, "आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के सामने हमारी परेड पूरी हुई और करीब 8 बजे उनका भाषण शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने हमें एड्रेस करना शुरू किया, सुबह से छाए काले बादल बरसने लगे। हम सब खुश थे, लग रहा था जैसे भगवान बारिश करके हमें एक नए जीवन में प्रवेश से पहले आशीर्वाद दे रहे थे। करीब 10 मिनट तक उनका जोश से भरा भाषण हुआ और हम सब बारिश में भीगते हुए उन्हें सुनते रहे। इसके बाद हमने अंतिम पग रखा और पास आउट हो गए।" 'पिटिंग सेरेमनी' में हमारे कंधे पर सजे सितारेकोरोना की वजह से इस बार पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के माता-पिता शामिल नहीं हो पाए, इसलिए पीओपी का टीवी पर लाइव प्रसारण हुआ और सेना के अफसर और उनकी पत्नियों ने नए बने लेफ्टिनेंट के कंधों पर दो-दो सितारें टांक दिए। अनुज दुबे ने बताया कि, 'सुबह की परेड के बाद 'पिटिंग सेरेमनी' हुई, मेजर सिद्धार्थ वोहरा और उनकी पत्नी ने मेरे कांधे पर सितारे टांके और कहा- आर्मी फैमिली में आपका स्वागत है। इसके बाद हम सभी को डेढ़ मिनट की शपथ दिलाई गई। फिर सब मिलकर गाते हैं- भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक रहेंगे हम।" अनुज अपनी मां अंजू, भाई अंकुर और भाभी अंजलि दुबे के साथ। अनुज बोले- मुझे खुशी है कि इन तीनों ने साथ बैठकर मुझे टीवी पर देखा।परेड में इंडियन आर्मी चीफ नरवणे पहुंचेभारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में शनिवार सुबह 423 युवा अफसरों की पासिंग आउट परेड की समीक्षा की। चीफ जनरल की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल के बाद कैडेट्स को भारतीय सेना की शपथ दिलाई गई। इन्ही अफसरों में भोपाल के अनुज दुबे ने भी अपनी उपस्थिति दिखाई। सेंट जोसेफ को-एड स्कूल के पढ़ाई करने वाले अनुज दुबे का चयन एनडीए खड़गवासला (महाराष्ट्र) के लिए हुआ। यहां पर अनुज ने तीन साल का कोर्स करने के बाद आईएमए देहरादून में एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद कमीशन हासिल की और लेफ्टिनेंट बने। उन्हें आर्टिलरी रेजीमेंट मिली है और पहली पोस्टिंग पर रविवार को सियाचिन जाएंगे। एक साल पहले उनके चचेरे भाई आदित्य दुबे भी सेना में लेफ़्टिनेंट बने हैं और उनकी सिक्किम में पोस्टिंग है। पिता बोले- बेटे को टीवी पर देख कर सीना चौड़ा हो गयाइस बार कोरोना संक्रमण के चलते परेड की भव्यता कम रही। कैडेटों के परिजन परेड में शामिल नहीं हो सके। वहीं कैडेट्स इस बार छुट्टी में अपने घर जाने के बजाय उन्हें सीधे पोस्टिंग दी जा रही है। अनुजके माता अंजू दुबे गृहणी हैं और पिता राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) में अधिकारी हैं। अनुज दुबे के पिता अनुपम दुबे कहते हैं कि हम परेड में शामिल नहीं हो पाए, इसका कोई मलाल नहीं है। हमने टीवी पर अपने बेटे को लाइव देखा। हमें गर्व है कि हमारा बेटा भारतीय सेना और देश की सेवा करने जा रहा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें आईएमए देहरादून में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद 'पिटिंग सेरेमनी' में सेना के अफसर और उनकी पत्नियों ने लेफ्टिनेंट बनें कैडेट्स के कंधे पर सितारे लगाए। भोपाल के अनुज दुबे के कंधे पर सितारे टांकते मेजर सिद्धार्थ वोहरा और उनकी पत्नी।

बोले- पासिंग आउट परेड के बाद आर्मी चीफ का संबोधन और बारिश दोनों एक साथ शुरू हुए, हमने भीगते हुए जोश से भरा उनका भाषण सुना
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होकर 333 युवा अफसर भारतीय थल सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार सुबह 6.30 बजे आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें 423 अफसरों ने हिस्सा लिया। इनमें से 90 जेंटलमैन कैडेट्स 9 अलग-अलग देशों के हैं। भोपाल के अनुज दुबे भी पासिंग आउट परेड में शामिल होकर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने। दैनिक भास्कर से बातचीत में अनुज ने कहा, इस परेड का एक्साइटमेंट ऐसा था कि रात भर सो नहीं सका। किसी तरह से नींद आई और तड़के 3.30 बजे जाग गया। इसके बाद 5 बजे मैं ग्राउंड पहुंच चुका था। तब तक वहां कुछ कैडेट्स ही पहुंचे थे।" भोपाल के लेफ्टिनेंट अनुज दुबे पासिंग आउट परेड के बाद सेना के अफसर के साथ।लगा जैसे भगवान आशीर्वाद दे रहे हैंअनुज ने बताया कि पासिंग आउट परेड के पल बेहद खास थे। उन्होंने बताया, "आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के सामने हमारी परेड पूरी हुई और करीब 8 बजे उनका भाषण शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने हमें एड्रेस करना शुरू किया, सुबह से छाए काले बादल बरसने लगे। हम सब खुश थे, लग रहा था जैसे भगवान बारिश करके हमें एक नए जीवन में प्रवेश से पहले आशीर्वाद दे रहे थे। करीब 10 मिनट तक उनका जोश से भरा भाषण हुआ और हम सब बारिश में भीगते हुए उन्हें सुनते रहे। इसके बाद हमने अंतिम पग रखा और पास आउट हो गए।" 'पिटिंग सेरेमनी' में हमारे कंधे पर सजे सितारेकोरोना की वजह से इस बार पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के माता-पिता शामिल नहीं हो पाए, इसलिए पीओपी का टीवी पर लाइव प्रसारण हुआ और सेना के अफसर और उनकी पत्नियों ने नए बने लेफ्टिनेंट के कंधों पर दो-दो सितारें टांक दिए। अनुज दुबे ने बताया कि, 'सुबह की परेड के बाद 'पिटिंग सेरेमनी' हुई, मेजर सिद्धार्थ वोहरा और उनकी पत्नी ने मेरे कांधे पर सितारे टांके और कहा- आर्मी फैमिली में आपका स्वागत है। इसके बाद हम सभी को डेढ़ मिनट की शपथ दिलाई गई। फिर सब मिलकर गाते हैं- भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक रहेंगे हम।" अनुज अपनी मां अंजू, भाई अंकुर और भाभी अंजलि दुबे के साथ। अनुज बोले- मुझे खुशी है कि इन तीनों ने साथ बैठकर मुझे टीवी पर देखा।परेड में इंडियन आर्मी चीफ नरवणे पहुंचेभारतीय सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में शनिवार सुबह 423 युवा अफसरों की पासिंग आउट परेड की समीक्षा की। चीफ जनरल की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल के बाद कैडेट्स को भारतीय सेना की शपथ दिलाई गई। इन्ही अफसरों में भोपाल के अनुज दुबे ने भी अपनी उपस्थिति दिखाई। सेंट जोसेफ को-एड स्कूल के पढ़ाई करने वाले अनुज दुबे का चयन एनडीए खड़गवासला (महाराष्ट्र) के लिए हुआ। यहां पर अनुज ने तीन साल का कोर्स करने के बाद आईएमए देहरादून में एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद कमीशन हासिल की और लेफ्टिनेंट बने। उन्हें आर्टिलरी रेजीमेंट मिली है और पहली पोस्टिंग पर रविवार को सियाचिन जाएंगे। एक साल पहले उनके चचेरे भाई आदित्य दुबे भी सेना में लेफ़्टिनेंट बने हैं और उनकी सिक्किम में पोस्टिंग है। पिता बोले- बेटे को टीवी पर देख कर सीना चौड़ा हो गयाइस बार कोरोना संक्रमण के चलते परेड की भव्यता कम रही। कैडेटों के परिजन परेड में शामिल नहीं हो सके। वहीं कैडेट्स इस बार छुट्टी में अपने घर जाने के बजाय उन्हें सीधे पोस्टिंग दी जा रही है। अनुजके माता अंजू दुबे गृहणी हैं और पिता राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) में अधिकारी हैं। अनुज दुबे के पिता अनुपम दुबे कहते हैं कि हम परेड में शामिल नहीं हो पाए, इसका कोई मलाल नहीं है। हमने टीवी पर अपने बेटे को लाइव देखा। हमें गर्व है कि हमारा बेटा भारतीय सेना और देश की सेवा करने जा रहा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें आईएमए देहरादून में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद 'पिटिंग सेरेमनी' में सेना के अफसर और उनकी पत्नियों ने लेफ्टिनेंट बनें कैडेट्स के कंधे पर सितारे लगाए। भोपाल के अनुज दुबे के कंधे पर सितारे टांकते मेजर सिद्धार्थ वोहरा और उनकी पत्नी।